मुहब्बत की जादू-बयानी न होती
अगर तेरी मेरी कहानी न होती
न "राधा" से पहले कोई नाम आता
अगर कोई ’मीरा" दिवानी न होती
यह राज़-ए-मुहब्बत न होता नुमायां
जो बहकी हमारी जवानी न होती
उन्हें दीन-ओ-ईमां से क्या लेना-देना
बलाए अगर आसमानी न होती
उमीदों से आगे उमीदें न होती
तो हर साँस में ज़िन्दगानी न होती
कोई बात तो उन के दिल पे लगी है
ख़ुदाया ! मिरी लन्तरानी न होती
रकीबों की बातों में आता न गर वो
तो ’आनन’ उसे बदगुमानी न होती
अगर तेरी मेरी कहानी न होती
न "राधा" से पहले कोई नाम आता
अगर कोई ’मीरा" दिवानी न होती
यह राज़-ए-मुहब्बत न होता नुमायां
जो बहकी हमारी जवानी न होती
उन्हें दीन-ओ-ईमां से क्या लेना-देना
बलाए अगर आसमानी न होती
उमीदों से आगे उमीदें न होती
तो हर साँस में ज़िन्दगानी न होती
कोई बात तो उन के दिल पे लगी है
ख़ुदाया ! मिरी लन्तरानी न होती
रकीबों की बातों में आता न गर वो
तो ’आनन’ उसे बदगुमानी न होती