Tuesday, January 18, 2011

चमगादड़




चूहे सा होता चमगादड़
लगे पीठ से होते डैने,
चोंच न होती उसके मुहँ में
दाँत बड़े होते हैं पैने।

उसके डैने ऐसे होते
जैसे आधा छोटा छाता,
उसकी टांगें ऐसी होतीं
जिन पर बैठ नहीं वह पाता

टांगों में कटिया सी होती
अटका जिन्हें लटक वह जाता,
उड़ते-उड़ते, उड़ते कीड़ों
और मकोड़ों को वह खाता

रात अँधेरी जब कट जाती
जब उजियाला सब पर छाता,
किसी अँधेरी जगह लटक कर
उल्टा चमगादड़ सो जाता

--हरिवंश राय बच्चन

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